Wednesday 10 April 2013


चल रे साथी..हाथ जोड़ ले
मां के दर्शन कर ले
धुल जाएंगे पाप तेरे
क्यूं मोह-माया में भटके
चल रे साथी...ओ साथी......
जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे...
जीवन उसका तर जाता है
जो कोई शरण में आया
चल रे साथी...ओ साथी......जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे...

पल भर में झोली भर देमहिमा उसकी कोई समझ न पायाये तेरे कर्मों का फल हैपैसा कमाकर भी रोयाजिसने तुझको जीवन दियाउसे ही तूने भुलायाचल रे साथी...ओ साथी......जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे...

घमंड अपना छोड़ देमां ने तुझे बुलायापीछे मुड़कर देख लेक्या खोया क्या पायाचल रे साथी...ओ साथी......जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे...लौंग कपूर की आरती करके चुनरी तुम चढ़ाओ

हर डाली से फूल तोड़कर माला उसे पहनाओमाथे पर तिलक लगाकर अखंड ज्योति जलाओमां के गुणगान में ही ध्यान अपना ध्यान लगाओशीश झुका दे चरणों में उसके शीश झुका दे चरणों में उसके....हो जाएंगे तेरे वारे न्यारे चल रे साथी...ओ साथी......

जय जगदम्बे... जय मां जय जगदम्बे...चल रे साथी...ओ साथी....

-राजेश वर्मा, कानपुर

Wednesday 16 January 2013

जरा सोचिए !हम नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने व घूस लेने का आरोप प्रतिदिन चिल्ला-चिल्लाकर लगाते हैं। अपने काम के प्रति ईमानदार होने का रोना रोते हैं। लेकिन अधिकारियों और नेताओं को छोड़कर क्या बाकी सब ईमानदार है? उदाहरण के तौर पर जब आप किसी दूसरे शहर जाते हैं, किसी काम से। विशेष तौर पर जब नवयुवक नौकरी की परीक्षा देने जाते हैं तो मनमानी वसूली हर कदम पर की जाती है। उसकी शुरुआत रिक्शेवाले से होती है और परीक्षा संपन्न होने तक जारी रहती है। यदि किराया दस रुपये है तो उस दिन पच्चीस या तीस रुपये हो जाता है। वह बड़ी ही बेशर्मी से कहता है:-बाबू आज ही तो कमाई का दिन है, कल से फिर सन्नाटा। यही हाल फल और नाश्ता बेचने वालों का होता है। कुल मिलाकर मजबूरी का फायदा उठाने में हिन्दुस्तान का कोई जोड़ा नहीं। फिर हम दूसरे से ईमानदारी की अपेक्षा क्यों करते हैं? जब किसी का दस रुपये के लिए ईमान डोल सकता है तो करोड़ों पर?????लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि भ्रष्ट नेता व अधिकारी सही कर रहे हैं। पर कहीं न कहीं इसको बढ़ावा देने के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। 'भगत सिंहÓ पड़ोसी के घर पैदा हो और हमे ऐसे ही भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल जाए, इस धारणा को बदलने की जरूरत हैं।जय हिन्द

Friday 11 January 2013

अगर मेरी दुआ कुबूल हुईतो हर हसरत आपकी पूरी होगीएक आलीशान केबिन में बड़ी सी कुर्सी होगीजिस पर आप शान से बैठी होंगीदुनिया मानेगी आपकी कलम का लोहाक्योंकि एक दिन आप बहुत बड़ी सम्पादक होंगीआपसे मिलना मेरी जरूरत होगीक्योंकि आपके अंडर में मुझे नौकरी करनी होगीजी मैडम-जी मैडम करना मेरी आदत होगीक्योंकि भविष्य में आप ही मेरी बॉस होंगी'बॉटमÓ को 'लीडÓ लगाना मेरी मजबूरी होगीक्योंकि उस अखबार में आपकी हुकूमत होगीआपके सामने मेरी बोलती बन्द रहेगीक्योंकि उस वक्त मेरी हैसियत 'एक नजरÓ की होगीआपको खुश रखना मेरी कोशिश होगीक्योंकि मेरी तरक्की आपकी कलम से होगीअगर मेरी दुआ कुबूल हुईतो हर हसरत आपकी पूरी होगी।
दिल मिले न मिलेसंवाद करते रहना चाहिएफोन करें न करेंएसएमएस करते रहना चाहिएदोस्ती करें न करेंभाईचारा बनाए रखना चाहिएकोई बात करें ने करेंआवाज बुलंद रखनी चाहिएकोई रूठे या न रूठेकोशिश जारी रखनी चाहिएकोई संदेश पढ़े न पढ़ेलिखना जारी रखना चाहिए।

राम नाम सत्य है

राम नाम सत्य है
भारत महंगाई से त्रस्त है
नेता भ्रष्ट है
फिर भी हम मस्त है
सिर्फ राम नाम सत्य है
टीम इंडिया का टेस्ट है
क्रिकेटर व्यस्त है
हालत उनकी पस्त है
दर्शक अभी भी चुस्त है
सिर्फ राम नाम सत्य है
जातिवाद जबर्दस्त है
उसमें आतंकवाद मिक्स है
धार्मिक दुकानों में रिलैक्स है
इसमें न कोई टैक्स है
सिर्फ राम नाम सत्य है
गलत का सबको अहसास है
क्षमता हमारे पास है
सोचने की जरूरत है
क्या हम सत्य के साथ है
सिर्फ राम नाम सत्य है